| शब्द का अर्थ | 
					
				| निरंजन					 : | वि० [सं० निर्–अंजन ब० स०] १. (व्यक्ति) जिसने अंजन न लगाया हो। २. (नेत्र) जिसमें अंजन न लगा हो। ३. सब प्रकार के दुर्गुणों और दोषों से रहित। ३. माया, मोह आदि से निर्लिप्त या रहित। पुं० १. निर्गुण ब्रह्म। परमात्मा। २. महादेव। शिव। ३. वह परम शक्ति जो सृष्टि, स्थिति और प्रलय करती हैं। (कबीर पंथी) | 
			
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				| निरंजना					 : | स्त्री० [सं० निरंजन+टाप्] १. पूर्णिमा। २. दुर्गा। | 
			
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				| निरंजनी					 : | वि० [सं० निरंजन] १. निरंजन संबंधी। २. निरंजनी संप्रदायवालों का अनुयायी साधु। | 
			
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