शब्द का अर्थ
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निर्ख :
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पुं० [फा०] वह भाव जिस पर कोई चीज बिकती हो। दर। भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निर्ख-दरोगा :
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पुं० [फा०] मध्ययुग में वह अधिकारी, जो चीजों के भावो पर निगरानी रखता था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निर्ख-नामा :
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पुं० [फा०] मध्ययुग में वह सूची, जिसमें वस्तुओं के बाजार भाव लिखे होते थे। |
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समानार्थी शब्द-
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निर्ख-बंदी :
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स्त्री० [फा०] वस्तुओं के बाजार भाव निश्चित करने या बाँधने की क्रिया या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
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