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			| शब्द का अर्थ |  
				| निर्विकल्पक					 : | पुं० [सं० ब० स०, कप्] १. वेदांत के अनुसार वह अवस्था, जिसमें ज्ञाता और ज्ञेय में भेद नहीं रह जाता। दोनों मिलकर एक हो जाते हैं। २. न्याय में, वह अलौकिक और प्राकृतिक ज्ञान जो इंद्रियजन्य ज्ञान से भिन्न होता और वास्तविक माना जाता है। (बौद्ध-दर्शन में इसी प्रकार का ज्ञान प्रमाण माना जाता है।) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |