| शब्द का अर्थ | 
					
				| नीप					 : | पुं० [सं०√नी+प] १. कदंब। २. भू-कदंब। ३. गुलदुपहरिया। बन्धूक। ४. नीला अशोक। ५. पहाड़ के नीचे का तल या भाग। ६. एक प्राचीन देश। पुं० [अ० निपर] कोई चीज बाँधने के लिए लगाया जानेवाला डोरी या रस्सी का फंदा। क्रि० प्र०–देना।–लगाना।–लेना। | 
			
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				| नीपजना					 : | अ०=निपजना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| नीपना					 : | स०=लीपना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| नीपर					 : | पुं० [अ० निपर] १. लंगर में बँधी हुई रस्सियों में से एक। २. वह डंडा जिससे उक्त रस्सी कसी जाती है। | 
			
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				| नीपातिथि					 : | पुं० [सं०] एक वैदिक ऋषि। | 
			
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				| नीपाना					 : | स० [सं० निष्पन्न] १. पूरा करना। २. उत्पन्न करना। उदा०–गिरि नीपायौ तदि निकुटी ए।–पृथीराज। | 
			
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