शब्द का अर्थ
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नौबत :
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स्त्री० [अ०] [वि० नौबती] १. किसी काम या बात की पारी। बारी। २. किसी अनिष्ट या अवांछनीय घटना के घटित होने की पारी या स्थिति। जैसे–सँभलकर रहो; नहीं तो भूखों मरने (या मार खाने) की नौबत आवेगी। क्रि० प्र०–आना।–पहुँचना। ३. दुर्गति। दुर्दशा। जैसे–(क) इसी लिए तो तुम्हारी यह नौबत हो रही है। (ख) सीधी तरह से रहो; नहीं तो कोई नौबत बाकी न रखूँगा। ४. नगाड़ा, शहनाई आदि मांगलिक बाजे जो मंदिरों, महलों आदि में नित्य कुछ नियमित अवसरों या समयों पर बजा करते हैं। क्रि० प्र०–बजना।–बजाना। पद–नौबत-खाना। (दे०) नौबत बजाकर=डंके कि चोट। खुले आम। मुहा०–नौबत झड़ना=नियत समय पर नौबत या मांगलिक बाजे बजना। (किसी के यहाँ) नौबत बजना= (क) खूब आनंद-मंगल होना। (ख) प्रताप और वैभव की खूब वृद्धि होना। नौबत बजाना=ऐश्वर्य, प्रभुत्व या शान दिखलाना। |
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समानार्थी शब्द-
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नौबत-खाना :
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पुं० [अ० नौबत+फा० खानः] द्वार या फाटक के ऊपर का वह स्थान जहाँ नौबत बजती है। नक्कार-खाना। |
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नौबती :
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वि० [अ०] १. बारी से होनेवाला। जैसे–नौबती बुखार। २. जिसके घटित होने की संभावना हो। पुं० १. नौबत बजानेवाला। नक्कारची। २. महलों के फाटक पर पहरेदार। ३. बिना सवार का सजा हुआ घोड़ा। ४. बहुत बड़ा तंबू। शामियाना। |
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नौबतीदार :
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पुं० [अ० नौबत+फा० दार] राजा-महाराजाओं के महलों और शामियानों का पहरेदार। |
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