| शब्द का अर्थ | 
					
				| परिप्लुत					 : | वि० [सं० परि√प्लु+क्त] १. जिसके चारों ओर जल ही जल हो। २. भीगा हुआ। आर्द्र। गीला। तर। ३. काँपता या हिलता हुआ। पुं० कहीं पहुँचने के लिए उछलकर आगे बढ़ने की क्रिया। छलाँग। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिप्लुता					 : | स्त्री० [सं० परिप्लुत+टाप्] १. मदिरा। शराब। २. ऐसी योनि जिसमें मैथुन या मासिक रजःस्राव के समय पीड़ा होती हो। (वैद्यक) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिप्लुत					 : | वि० [सं० परि√प्लु+क्त] १. जिसके चारों ओर जल ही जल हो। २. भीगा हुआ। आर्द्र। गीला। तर। ३. काँपता या हिलता हुआ। पुं० कहीं पहुँचने के लिए उछलकर आगे बढ़ने की क्रिया। छलाँग। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| परिप्लुता					 : | स्त्री० [सं० परिप्लुत+टाप्] १. मदिरा। शराब। २. ऐसी योनि जिसमें मैथुन या मासिक रजःस्राव के समय पीड़ा होती हो। (वैद्यक) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |