| शब्द का अर्थ | 
					
				| पर्वण					 : | पुं० [सं०√पर्व् (पूर्ति)+ल्युट्—अन] १. कोई काम पूरा करने की क्रिया या भाव। २. एक राक्षस का नाम। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पर्वणिका					 : | स्त्री० [सं० पर्वणी+कन्+टाप्, ह्रस्व] पर्वणी नाम का आँख का रोग। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पर्वणी					 : | स्त्री० [सं० पर्वण्+ङीष्] १. सुश्रुत के अनुसार आँख की संधि में होनेवाला एक प्रकार का रोग जिसमें जलन और सूजन होती है। २. पूर्णिमा। ३. दे० ‘पर्विणी’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पर्वण					 : | पुं० [सं०√पर्व् (पूर्ति)+ल्युट्—अन] १. कोई काम पूरा करने की क्रिया या भाव। २. एक राक्षस का नाम। | 
			
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				| पर्वणिका					 : | स्त्री० [सं० पर्वणी+कन्+टाप्, ह्रस्व] पर्वणी नाम का आँख का रोग। | 
			
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				| पर्वणी					 : | स्त्री० [सं० पर्वण्+ङीष्] १. सुश्रुत के अनुसार आँख की संधि में होनेवाला एक प्रकार का रोग जिसमें जलन और सूजन होती है। २. पूर्णिमा। ३. दे० ‘पर्विणी’। | 
			
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