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			| शब्द का अर्थ |  
				| पांचाल-मध्यमा					 : | स्त्री० [सं०] भारतीय नाट्य कला में, एक प्रकार की प्रवृत्ति या बात-चीत वेश-भूषा आदि का ढंग, प्रकार या रूप जो पांचाल शूरसेन, कश्मीर, वाह्लीक, मद्र आदि जनपदों की रहन-सहन आदि के अनुकरण पर होता था। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पांचाल-मध्यमा					 : | स्त्री० [सं०] भारतीय नाट्य कला में, एक प्रकार की प्रवृत्ति या बात-चीत वेश-भूषा आदि का ढंग, प्रकार या रूप जो पांचाल शूरसेन, कश्मीर, वाह्लीक, मद्र आदि जनपदों की रहन-सहन आदि के अनुकरण पर होता था। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |