शब्द का अर्थ
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पाखर :
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स्त्री० [सं० पक्षर, प्रक्खर] १. युद्धकाल में, घोड़ों या हाथियों पर डाली जानेवाली एक तरह की लोहे की झूल। २. उक्त झूल के वे भाग जो दोनों ओर झूलते रहते हैं। ३. जीन। ४. ऐसा टाट या और कोई मोटा कपड़ा जिस पर मोम, राल आदि का लेप किया हुआ हो। (ऐसा कपड़ा जल्दी भीगता या सड़ता-गलता नहीं है।) पुं०=पाकर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाखरी :
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स्त्री० [हिं० पाखर=झूल] टाट का बिछावन जिसे गाड़ी में बिछाते हैं तब उसमें अनाज भरतें हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाखर :
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स्त्री० [सं० पक्षर, प्रक्खर] १. युद्धकाल में, घोड़ों या हाथियों पर डाली जानेवाली एक तरह की लोहे की झूल। २. उक्त झूल के वे भाग जो दोनों ओर झूलते रहते हैं। ३. जीन। ४. ऐसा टाट या और कोई मोटा कपड़ा जिस पर मोम, राल आदि का लेप किया हुआ हो। (ऐसा कपड़ा जल्दी भीगता या सड़ता-गलता नहीं है।) पुं०=पाकर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाखरी :
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स्त्री० [हिं० पाखर=झूल] टाट का बिछावन जिसे गाड़ी में बिछाते हैं तब उसमें अनाज भरतें हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |