| शब्द का अर्थ | 
					
				| पाचक					 : | वि० [सं० √पच्+ण्वुल्—अक] [स्त्री० पाचिका] किसी प्रकार का पाचन करने (पकाने या पचाने) वाला। पाचन की किया करनेवाला। पुं० १. वह जो भोजन पकाता या बनाता हो। बावर्ची। रसोइया। २. वह दवा जो खाई हुई चीज पचाती या पाचन शक्ति बढ़ाती हो। ३. कुछ विशिष्ट प्रक्रियाओं से बनाया हुआ वह अवलेह या चूर्ण जो प्रायः क्षारीय ओषधियों से बनाया जाता है और जिसका स्वाद खट-मीठा, नमकीन या मीठा होता है। ४. वैद्यक के अनुसार शरीर के अंदर रहनेवाले पाँच प्रकार के पित्तों में से एक जिसकी सहायता से भोजन पचता है। ५. वह अग्नि जिसका उक्त पित्त में अधिष्ठान माना जाता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाचक					 : | वि० [सं० √पच्+ण्वुल्—अक] [स्त्री० पाचिका] किसी प्रकार का पाचन करने (पकाने या पचाने) वाला। पाचन की किया करनेवाला। पुं० १. वह जो भोजन पकाता या बनाता हो। बावर्ची। रसोइया। २. वह दवा जो खाई हुई चीज पचाती या पाचन शक्ति बढ़ाती हो। ३. कुछ विशिष्ट प्रक्रियाओं से बनाया हुआ वह अवलेह या चूर्ण जो प्रायः क्षारीय ओषधियों से बनाया जाता है और जिसका स्वाद खट-मीठा, नमकीन या मीठा होता है। ४. वैद्यक के अनुसार शरीर के अंदर रहनेवाले पाँच प्रकार के पित्तों में से एक जिसकी सहायता से भोजन पचता है। ५. वह अग्नि जिसका उक्त पित्त में अधिष्ठान माना जाता है। | 
			
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