| शब्द का अर्थ | 
					
				| पाठालोचन					 : | पुं० [सं० पाठ-आलोचन, ष० त०] आज-कल साहित्यिक क्षेत्र में, इस बात का वैज्ञानिक अनुसंधान या विवेचन कि किसी साहित्यिक कृति के संदिग्ध अंश का मूलपाठ वास्तव में कैसा और क्या रहा होगा। किसी ग्रंथ के मूल और वास्तविक पाठ का ऐसा निर्धारण जो पूरा छान-बीन करके किया जाय। (टेक्सचुअल क्रिटिसिज़म) विशेष—इस प्रकार का पाठालोचन मुख्यतः प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथों की अनेक प्रतिलिपियों अथवा ऐसी साहित्यिक कृतियों के संबंध में होता है जिनका प्रकाशन तथा मुद्रण स्वयं लेखक की देख-रेख में न हुआ हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाठालोचन					 : | पुं० [सं० पाठ-आलोचन, ष० त०] आज-कल साहित्यिक क्षेत्र में, इस बात का वैज्ञानिक अनुसंधान या विवेचन कि किसी साहित्यिक कृति के संदिग्ध अंश का मूलपाठ वास्तव में कैसा और क्या रहा होगा। किसी ग्रंथ के मूल और वास्तविक पाठ का ऐसा निर्धारण जो पूरा छान-बीन करके किया जाय। (टेक्सचुअल क्रिटिसिज़म) विशेष—इस प्रकार का पाठालोचन मुख्यतः प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथों की अनेक प्रतिलिपियों अथवा ऐसी साहित्यिक कृतियों के संबंध में होता है जिनका प्रकाशन तथा मुद्रण स्वयं लेखक की देख-रेख में न हुआ हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |