| शब्द का अर्थ | 
					
				| पाति					 : | स्त्री० १.=पाती (चिट्ठी)। २.=पत्ती। पुं० [सं०√पा+अति] १. स्वामी। २. पति। ३. पक्षी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिक					 : | वि० [सं० पात+ठन्—इक्] १. फेंका हुआ। २. नीचे गिराया या ढकेला हुआ। पुं० सूँस नामक जल-जंतु। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिग					 : | पुं०=पातक। उदा०—अनेक जनम ना पातिग छूटै।—गोरखनाथ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातित					 : | भू० कृ० वि० [सं०√पत्+णिच्+क्त] १. गिराया हुआ। २. फेंका हुआ। ३. झुकाया हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातित्य					 : | पुं० [सं० पतित-ष्यञ्] १. पतित होने की अवस्था या भाव। गिरावट। २. अधःपतन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिल					 : | स्त्री० [सं० पातिली] एक तरह की मिट्टी की हँड़िया जिसमें विवाह आदि के समय दीया जलाया जाता है तथा हँड़िया का आधा मुँह ढक्कन से ढक दिया जाता है। वि०=पतला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिली					 : | स्त्री० [सं० पाति√ली (लीन होना)+ड+अण्+ङीष्] १. जाल। फंदा। २. मिट्टी की पातिल नामक हँड़िया। ३. किसी विशिष्ट जाति की स्त्री। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिव्रत					 : | पुं०=पातिव्रत। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिव्रत्य					 : | पुं० [सं० पतिव्रता+ष्यञ्] पतिव्रता होने की अवस्था, गुण और भाव। पति के प्रति होनेवाली पूर्ण निष्ठा की भावना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिसाह					 : | पुं०=पातशाह (बादशाह)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाति					 : | स्त्री० १.=पाती (चिट्ठी)। २.=पत्ती। पुं० [सं०√पा+अति] १. स्वामी। २. पति। ३. पक्षी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिक					 : | वि० [सं० पात+ठन्—इक्] १. फेंका हुआ। २. नीचे गिराया या ढकेला हुआ। पुं० सूँस नामक जल-जंतु। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिग					 : | पुं०=पातक। उदा०—अनेक जनम ना पातिग छूटै।—गोरखनाथ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातित					 : | भू० कृ० वि० [सं०√पत्+णिच्+क्त] १. गिराया हुआ। २. फेंका हुआ। ३. झुकाया हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातित्य					 : | पुं० [सं० पतित-ष्यञ्] १. पतित होने की अवस्था या भाव। गिरावट। २. अधःपतन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिल					 : | स्त्री० [सं० पातिली] एक तरह की मिट्टी की हँड़िया जिसमें विवाह आदि के समय दीया जलाया जाता है तथा हँड़िया का आधा मुँह ढक्कन से ढक दिया जाता है। वि०=पतला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिली					 : | स्त्री० [सं० पाति√ली (लीन होना)+ड+अण्+ङीष्] १. जाल। फंदा। २. मिट्टी की पातिल नामक हँड़िया। ३. किसी विशिष्ट जाति की स्त्री। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिव्रत					 : | पुं०=पातिव्रत। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिव्रत्य					 : | पुं० [सं० पतिव्रता+ष्यञ्] पतिव्रता होने की अवस्था, गुण और भाव। पति के प्रति होनेवाली पूर्ण निष्ठा की भावना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पातिसाह					 : | पुं०=पातशाह (बादशाह)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |