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			| शब्द का अर्थ |  
				| पापी (पिन्)					 : | वि० [सं० पाप+इनि] [स्त्री० पापिनी] १. पाप में रत या अनुरक्त। पाप करनेवाला। पातकी। अघी। २. लाक्षणिक और व्यंग्य के रूप में, क्रूर, निर्मोही या निर्दय। जैसे—पिया पापी न जागे, जगाय हारी।—लोकगीत। पुं० वह जो पाप करता हो या जिसने कोई पाप किया हो। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पापी (पिन्)					 : | वि० [सं० पाप+इनि] [स्त्री० पापिनी] १. पाप में रत या अनुरक्त। पाप करनेवाला। पातकी। अघी। २. लाक्षणिक और व्यंग्य के रूप में, क्रूर, निर्मोही या निर्दय। जैसे—पिया पापी न जागे, जगाय हारी।—लोकगीत। पुं० वह जो पाप करता हो या जिसने कोई पाप किया हो। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |