| शब्द का अर्थ | 
					
				| पारख					 : | पुं०=पारखी। स्त्री०=परख। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पारखद					 : | पुं०=पार्षद् (सभासद्)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पारखी					 : | पुं० [हिं० परख+ई (प्रत्य०)] वह व्यक्ति जिसमें किसी चीज की अच्छाई-बुराई, गुण-दोष आदि जानने और परखने की पूर्ण योग्यता हो। जैसे—आप कविता के अच्छे पारखी हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पारखू					 : | पुं०=पारखी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पारख					 : | पुं०=पारखी। स्त्री०=परख। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पारखद					 : | पुं०=पार्षद् (सभासद्)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पारखी					 : | पुं० [हिं० परख+ई (प्रत्य०)] वह व्यक्ति जिसमें किसी चीज की अच्छाई-बुराई, गुण-दोष आदि जानने और परखने की पूर्ण योग्यता हो। जैसे—आप कविता के अच्छे पारखी हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पारखू					 : | पुं०=पारखी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |