| शब्द का अर्थ | 
					
				| पूरी					 : | स्त्री० [सं० पूलिका] १. एक प्रकार का प्रसिद्ध पकवान जिसे साधारण रोटी आदि की तरह बेलकर खौलते घी या तेल में छानकर पकाते हैं। २. ढोल, तबले, मृदंग आदि में वह गोलाकार चमड़ा जो उनके मुँह पर मढ़ा रहता है और जिस पर आघात होने से वे बजते हैं। क्रि० प्र०—चढ़ाना।—मढ़ना। वि० हिं० ‘पूरा’ का स्त्री०। (मुहा० के लिए दे० ‘पूरा’) वि० [सं० पूरिन्] पूरा करनेवाला। पूरक। स्त्री० घास आदि का छोटा पूला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पूरी					 : | स्त्री० [सं० पूलिका] १. एक प्रकार का प्रसिद्ध पकवान जिसे साधारण रोटी आदि की तरह बेलकर खौलते घी या तेल में छानकर पकाते हैं। २. ढोल, तबले, मृदंग आदि में वह गोलाकार चमड़ा जो उनके मुँह पर मढ़ा रहता है और जिस पर आघात होने से वे बजते हैं। क्रि० प्र०—चढ़ाना।—मढ़ना। वि० हिं० ‘पूरा’ का स्त्री०। (मुहा० के लिए दे० ‘पूरा’) वि० [सं० पूरिन्] पूरा करनेवाला। पूरक। स्त्री० घास आदि का छोटा पूला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |