शब्द का अर्थ
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प्रणयन :
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पुं० [सं० प्र√नी+ल्युट्—अन] १. कोई चीज कहीं से ले आना या ले जाकर कहीं पहुँचाना। २. कोई काम पूरा करना। ३. कोई नई चीज बनाकर तैयार करना। रचना। ४. साहित्यिक काव्य, सामने लाना। ६. होम आदि के समय किया जानेवाला अग्नि का एक संस्कार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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