शब्द का अर्थ
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प्रत्युत :
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अव्य० [सं० प्रति-उत, सुप्सुपा स०] १. बल्कि। वरन्। २. इसके विपरीत। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रत्युत्क्रम :
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पुं० [सं० प्रति-उद्√कम् (गति)+घञ्] १. युद्ध के समय पहले-पहल किया जानेवाला आक्रमण। २. आक्रमण के बदले में किया जानेवाला आक्रमण। ३. ऐसा गौण कार्य जो किसी मुख्य कार्य की सिद्धि में सहायक हो। |
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प्रत्युत्तर :
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पुं० [सं० प्रति-उत्तर, प्रा० स० ] किसी से प्राप्त होनेवाले उत्तर के जवाब में उसे दिया जानेवाला उत्तर। (रिज्वाइंडर) |
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प्रत्युत्थान :
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पुं० [सं० प्रति-उद्√स्था (ठहरना)+ल्युट्—अन] [भू० कृ० प्रत्युत्थित] १. किसी के स्वागत और सत्कार के लिए खड़े होना। २. विरोध का सामना करने के लिए खड़े होना। |
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प्रत्युत्पन्न :
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वि० प्रति-उद्√पद् (गति)+क्त] १. जो फिर से उत्पन्न हुआ हो। जो पुनः या दोबारा उत्पन्न हुआ हो। २. जो ठीक समय फर उत्पन्न हुआ या सामने आया हो। उपस्थित और वर्तमान। जैसे—प्रत्युत्पन्नमति (जो तुरंत उपयुक्त बात या युक्ति सोच ले)। |
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