| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रोषित					 : | पुं० [सं० प्र-उषित, प्रा०स०] साहित्य में श्रृंगार-रस का आलंबन वह नायक जो प्रिया को छोड़कर विदेश चला गया हो। भू० कृ० १. प्रवासी। २. बीता हुआ। जैसे—प्रोषित यौवन। | 
			
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				| प्रोषित-नायक					 : | पुं० [सं० कर्म० स०]=प्रोषित। | 
			
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				| प्रोषित-नायिका					 : | स्त्री० [सं० ब० स०, कप्-टाप्, इत्व] वह स्त्री जो अपने पति (या नायक) के विदेश चले जाने के कारण उसके विरह में दुःखी या विकल हो। प्रवत्स्यपतिका। | 
			
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				| प्रोषित-प्रेयसी					 : | स्त्री०=प्रोषितपतिका। | 
			
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				| प्रोषित-भर्तृका					 : | स्त्री०=प्रोषितपतिका। | 
			
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				| प्रोषित-भार्य					 : | पुं० [सं० ब० स०] वह पुरुष जो अपनी पत्नी के विदेश चले जाने के कारण उसके विरह में दुःखी या विकल हो। | 
			
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				| प्रोषित-यौवन					 : | वि० [सं० ब० स०] [स्त्री० प्रोषित-यौवना] जिसका यौवन समाप्त हो चुका हो। जिसकी जवानी बीत चुकी हो। | 
			
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