| शब्द का अर्थ | 
					
				| बंध्य					 : | वि० [सं०√बंध्+यक्] १. जो बँधा जा सके अथवा बाँधने केयोग्य हो। २. कारावास में रखे जाने के योग्य। ३. जो तैयार किये जाने बनाये जाने अथवा निर्मित किये जाने को हो। ४. जो उपजाऊ न हो। ऊसर। ५. बाँझ। (स्त्री) | 
			
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				| बंध्या					 : | स्त्री० [सं० बंध्य+टाप्] १. स्त्री या मादा प्राणी जिसे संतान न होती हो। बाँझ। पद—बंध्या पुत्र। (देखें)। २. योनि का एक रोग। ३. एक गंध-द्रव्य। | 
			
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				| बंध्या-कर्कोटकी					 : | स्त्री० [सं० ष० त०] कड़वी ककड़ी। बाँझ-ककोड़ा। | 
			
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				| बंध्यापन					 : | पुं०=बाँझपन। | 
			
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				| बंध्यापुत्र					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. बाँझ स्त्री का पुत्र अर्थात् ऐसा अनहोना व्यक्ति जो कभी अस्तित्व में न आ सकता हो। २. लाक्षणिक अर्थ में कोई ऐसी चीज या बात जो बंध्या के पुत्र के समान अनहोनी हो। | 
			
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				| बंध्यासुत					 : | पुं० [ष० त०] बंध्यासुत। | 
			
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