| शब्द का अर्थ | 
					
				| बदी					 : | स्त्री० [सं० बहुल में का ब+दिवस में का दि-बदि०] चांद्र मास का कृष्ण पक्ष। अँधेरा पाख। सुदी का विपर्याय। जैसे—भादों बदीअष्टमी। स्त्री० [फा०] १. बद अर्थात् बुरे होने की अवस्था या भाव। खराबी। बुराई। पद—नेकी-बदी=(क) उपकार और अपकार। भलाई और बुराई। (ख) घर-गृहस्थी में होनेवाले शुभ और अशुभ काम या घटनाएँ। (विवाह, मृत्यु आदि) जैसे—वह नेकी-बदी में सबका साथ देते (या सबके यहाँ आते-जाते) हैं। २. किसी का किया जानेवाला अपकार या अहित। जैसे—उन्होंने तुम्हारे साथ कोई बदी तो नहीं की थी। ३. किसी की अनुपस्थिति में की जानेवाली उसकी निंदा। | 
			
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				| बदीत					 : | वि० [सं० विदित] प्रसिद्ध। मशहूर। उदाहरण—जगत बदीत करी मन—मोहना।—मीराँ। | 
			
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