| शब्द का अर्थ | 
					
				| बहोर					 : | पुं० [हिं० बहुरना] बहुरने की क्रिया या भाव। वापसी। पलटा। फेरा। अव्य०=बहोरि। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बहोरना					 : | स० [हिं० बहुरना] १. गये हुए को फिर पहले या पुराने स्थान पर ले आना। लौटाना। २. चरनेवाले चौपायों को घर की ओर हाँकना। ३. संभालकर ठीक अवस्था में लाना। उदाहरण—कबीर इह तनु जाइगा सकहु त लेहु बहोरि।—कबीर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| बहोरि					 : | अव्य० [हिं० बहोर] दोबारा। पुनः। फिर। | 
			
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				| बहोरी					 : | स्त्री० [हिं० बहोरना] बहोरने की क्रिया या भाव। | 
			
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