| शब्द का अर्थ | 
					
				| बौंड़					 : | स्त्री० [सं० वोण्ट=वृत्त, टहनी] १. वृक्ष की वह टहनी जो दूर तक डोरी के रूप में गई हो। २. बेल। लता। | 
			
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				| बौंड़ना					 : | अ० [हिं० बौंड़] १. लता की भाँति बढ़ना। २. टहनी का बढ़कर फैलना। | 
			
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				| बौंड़ी					 : | स्त्री० [हिं० बौंड़] १. पौधों या लताओं के वे कच्चे फल जो सार रहित होते है। डोडा। जैसे—मदार या सेमल के बौंड़ी। २. छीमी। फली। | 
			
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				| बौंड़ना					 : | अ०=बौरना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बौंड़हा					 : | वि० [सं० वातुल, हिं० वाउर+हा(प्रत्यय)] [स्त्री० बौंड़ही] बावला। पागल। | 
			
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				| बौंड़ी					 : | स्त्री० [?] १. जमीन की एक नाप। २. कौंड़ी का बीसवाँ भाग। | 
			
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