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			| शब्द का अर्थ |  
				| यजुः (स्)					 : | पुं० [सं०√यज्+उसि] १. बलिदान आदि के समय की जानेवाली प्रार्थना और तत्सम्बन्धी विशिष्ट कृत्य। २. बलिदान और यज्ञ करने के समय कहे जानेवाले गद्य मंत्र जिनका पाठ अध्वयु करता था और जिनका संग्रह यजुर्वेद में हैं। ३. दे० ‘यजुर्वेद’। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |