| शब्द का अर्थ | 
					
				| यात्रा					 : | स्त्री० [सं०√या+त्रन्—टाप्] १. एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की क्रिया। सफर। २. कहीं जाने के लिए चलना या निकलना। प्रयाण प्रस्थान। ३. धार्मिक भाव से किसी तीर्थ या देव-मंदिर की ओर दर्शन, पूजन आदि के उद्देश्य से जाने की क्रिया। ४. उत्सव। ५. व्यवहार। ६. आज-कल बंग देश में प्रचलित एक प्रकार का धार्मिक अभिनय, जिसमें नाचना और गाना भी रहता है। | 
			
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				| यात्राधिदेय					 : | पुं० [सं० यात्रा-अधिदेय, सुप्सुपा०स०] दे० ‘यात्रा-भत्ता’। | 
			
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				| यात्रा-भत्ता					 : | पुं० [सं० +हिं] यात्रा करनेवाले व्यय के बदले अर्थात् कहीं आने-जाने के समय किये जानेवाले व्यय के बदले में अधिकारियों, कर्मचारियों आदि को मिलनेवाला भत्ता (ट्रेवेलिंग एलाउन्स)। | 
			
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				| यात्रावाल					 : | पुं० [सं० यात्रा+हिं०वाला (प्रत्यय)] तीर्थयात्रियों को अपने यहाँ टिकाने तथा देवदर्शन करानेवाला पंडा। | 
			
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