| शब्द का अर्थ | 
					
				| यूप					 : | पुं० [सं०√यू+प, दीर्घ] १. यज्ञ का वह खंभा जिसमें बलि-पशु बाँधा जाता है। २. वह स्तम्भ जो किसी विजय अथवा कीर्ति आदि की स्मृति में बनाया गया हो। | 
			
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				| यूपक					 : | पुं० [सं० यूप+क] १. यूप। २. लड़कियों के भेद या प्रकार। | 
			
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				| यूप-कटक					 : | पुं० [सं० ष० त०] यूप में लगा रहनेवाला लोहे का कड़ा या छल्ला। | 
			
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				| यूप-कर्ण					 : | पुं० [सं० ष० त०] यज्ञ के यूप का वह भाग जो घी से अभिषिक्त किया जाता था। | 
			
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				| यूपद्रु					 : | पुं० [सं० च० त०] खर। (वृक्ष) | 
			
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				| यूप-ध्वज					 : | पुं० [सं० ष० त०] यज्ञ। | 
			
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				| यूपांग					 : | पुं० [सं० यूप-अंग] यूप-संबंधी कोई वस्तु। | 
			
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				| यूपा					 : | पुं० [सं० द्यूत] जुआ। द्यूत कर्म। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| यूपाहुति					 : | स्त्री० [सं० यूप-आहुति, च० त०] यज्ञ के यूप की स्थापना के समय का एक कृत्य जिसमें यूप के उद्देश्य से आहुति दी जाती थी। | 
			
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