| शब्द का अर्थ | 
					
				| रसम					 : | स्त्री०=रस्म। | 
			
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				| रसमाला					 : | स्त्री० [सं० ष० त०] शिलारस नामक सुगंधित द्रव्य। | 
			
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				| रसमि					 : | स्त्री० [सं० रश्मि] १. किरण। २. चमक। दीप्ति। ३. प्रकाश।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| रसमंडी					 : | स्त्री० [हिं० रस+मंडी] एक प्रकार की बंगला मिठाई। | 
			
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				| रसमैत्री					 : | स्त्री० [ष० त०] १. दो या अधिक रसों का मिश्रण। २. साहित्य में रसों में होनेवाला पारस्परिक मेल और सामंजस्य। इसका विपर्याय रस-विरोध है। ३. खाद्य पदार्थों के संबंध में दो ऐसे रसों का मेल जिनसे स्वाद में वृद्धि हो। जैसे—तीता-नमकीन खटमीठा आदि। | 
			
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