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			| शब्द का अर्थ |  
				| रसेश्वर					 : | पुं० [सं० रस-ईश्वर, ष० त०] १. पारा। २. वैद्यक में एक प्रकार का रसौषध जो पारे, गंधक, हरताल और सोने आदि के योग से बनता है। ३. दे० ‘रसेश्वर दर्शन’। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| रसेश्वरदर्शन					 : | पुं० [सं० मध्य० स०] एक शैव दर्शन जो मुख्यतः पारद या पारे के साधनों से संबंध रखनेवाली बातों पर आश्रित है। विशेष—शैव आगमों में रसेश्वर अर्थात् पारद या पारे को शिव का वीर्य तथा गंधक को पार्वती का रज माना गया है और इसी आधार पर उनके संबंध में इस दर्शन की रचना हुई है। यह प्रसिद्ध ६ दर्शनों से पृथक् या भिन्न है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |