| शब्द का अर्थ | 
					
				| रेष					 : | पुं० [सं०√रेष् (हिंसा)+घञ्] १. क्षति। हानि। २. हिंसा। स्त्री०=रेख। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| रेषण					 : | पुं० [ सं०√रेष् (हिनहिनाना)+ल्युट्—अन] १. घोड़े का हिनहिनाना २. चीते, बाघ आदि का गरजना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| रेषा					 : | स्त्री० [सं०√रेष्+अ+टाप्] १. घोड़े की हिनहिनाहट। २. सिंह की गरजन या दहाड़। स्त्री०=रेखा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |