| शब्द का अर्थ | 
					
				| रोष					 : | पुं० [सं०√रुष् (क्रोध)+घञ्] [वि० रुष्ट] १. क्रोध। कोप। गुस्सा। २. ऐसा क्रोध जो मन में ही दबा या छिपा रहे। कुढ़न। ३. वैर। विरोध। | 
			
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				| रोषण					 : | पुं० [सं०√रुष्+युच्-अन] १. पारा। २. सकौटी। ३. ऊसर जमीन। वि० रोष उत्पन्न करनेवाला। २. मन में रोष करने वाला। ३. क्रोध प्रकट करनेवाला क्रुद्ध। | 
			
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				| रोषानल					 : | पुं० [सं० रोष-अनल, कर्म० स०] क्रोध रूपी अग्नि। ऐसा विकट क्रोध जो जलाकर भस्म या नष्ट कर डालना चाहता हो। | 
			
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				| रोषान्वित					 : | भू० कृ० [सं० रोष-अन्वित, तृ० त०] रोष से युक्त। क्रुद्ध। नाराज। | 
			
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				| रोषित					 : | भू० कृ० [सं० रोष+इतच्] जो क्रोध से युक्त हुआ हो। क्रुद्ध। नाराज। | 
			
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				| रोषी (षिन्)					 : | वि० [सं० रोष+इनि] रोष अर्थात् क्रोध करनेवाला। क्रोधी। | 
			
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