शब्द का अर्थ
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					विरज					 :
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					वि० [ब० स०] १. धूल, गर्द आदि से रहित। २. जो रजोगुण प्रधान न हो। ३. जिसमें रजोगुणी प्रवृत्ति न हो। ४. स्वच्छ। निर्मल। ५. (स्त्री) जिसका रजोधर्म रुक गया या समाप्त हो चुका हो। पुं० १. विष्णु। २. शिव।				 | 
			
			
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					विरजन					 :
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					वि० [सं०] रंग-परिवर्तन करनेवाला।				 | 
			
			
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					विरजा					 :
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					स्त्री० [सं०] १. श्रीकृष्ण की एक सखी। २. नहुष की स्त्री।				 | 
			
			
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					विरजाक्ष					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] एक पर्वत जो मेरु के उत्तर में कहा गया है।				 | 
			
			
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					विरजा-क्षेत्र					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] उड़ीसा का एक तीरथ स्थान जो जोधपुर के पास है।				 | 
			
			
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