| शब्द का अर्थ | 
					
				| शरतचन्द्र					 : | पुं० [सं० मध्यम० स०] १. शरत् ऋतु का चन्द्रमा। २. विशेषतः शरत् पूर्णिमा का चन्द्र। | 
			
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				| शरत्					 : | स्त्री० [सं० शु+अदि, चर्त्व] १. वैदिक युग में भाद्रपद और आश्विन् महीनों की ऋतु। २. आज-कल आश्विन और कार्तिक महीनों की ऋतु। ३. वत्सर। वर्ष। | 
			
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				| शरत					 : | स्त्री० १. =शरत्। २. =शर्त्त। | 
			
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				| शरता					 : | स्त्री० [सं०] १. शर का भाव। २. वाण-विद्या। उदाहरण—छोड़ि दई शरता...।—केशव। ३. वाण-विद्या में होनेवाली पटुता। | 
			
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				| शरतिया					 : | अव्य०=शर्त्तिया। | 
			
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				| शरत्काल					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] आश्विन् और कार्तिक के लिए। शरत् ऋतु। | 
			
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				| शरत्पद्म					 : | पुं० [सं० मध्यम० स०] श्वेत पद्य। | 
			
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				| शरत्पर्व					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] शरद् पूर्णिमा। | 
			
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