| शब्द का अर्थ | 
					
				| शरी					 : | स्त्री० [सं० शरि-ङीष्] एरका या मोथा नाम का तृण। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीअत					 : | स्त्री० [अ०] मुसलमानी धर्म में शरअ के अनुसार आचरण करना। नमाज, रोजे आदि का निर्वाह और पालन। विशेष—सूफी संप्रदाय में यह साधना की चार स्थितियों में से पहली है। शेष तीन स्थितियों तरीकत मारफत और हकीकत कहलाती है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीक					 : | वि० [अ०] १. किसी के साथ मिला हुआ। शामिल। सम्मिलित। २. कष्ट आदि के समय सहानुभूति दिखाने या सहायता करनेवाला। पुं० १. वह जो किसी बात में किसी के साथ रहता हो। साथी। २. साझीदार। हिस्सेदार। ३. ऐसा निकट सम्बन्धी जो पैतृक संपत्ति का हिस्सेदार हो या रहा हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीफ					 : | पुं० [अ० शरीफ] १. ऊँचे घराने का व्यक्ति। कुलीन मनुष्य। २. सज्जन और सभ्य व्यक्ति। भला आदमी। ३. मक्के के प्रधान अधिकारी की उपाधि। वि० पवित्र या शुभ। जैसे—मिजाज शरीफ। पुं० [अ० शेरीफ] अंगरेजी शासन में कलकत्ते बम्बई और मद्रास में सरकार की ओर से नियक्त किए जानेवाले एक प्रकार के अवैतनिक अधिकारी। जिनके सुपुर्द शांति-रक्षा तथा इस प्रकार के और कुछ काम होते हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीफा					 : | पुं० [सं० श्रीफल या सीताफल] १. मझोले आकार का एक प्रकार का प्रसिद्ध वृक्ष जो प्रायः सारे भारत में फल के लिए लगाया जाता है। २. उक्त वृक्ष का फल जो अमरूद की तरह गोल और खाकी रंग का होता है। इसके अन्दर सफेद मीठा गूदा (बीजों में लिपटा हुआ) होता है। श्रीफल। सीताफल। रामसीता। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर					 : | पुं० [सं० शृ (हिंसा करना)+ईरन्] [भाव० शरीरता, वि० शारीरिक] १. मनुष्य या पशु आदि के समस्त अंगो की समष्टि। सिर से पैर तक के सब अंगों का समूह। देह। तन। वदन। जिस्म। वि० [अ०] दुष्ट-प्रकृति। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरक					 : | पुं० [सं० शरीर+कै+क+कन्] १. छोटा शरीर। २. आत्मा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरज					 : | वि० [सं० शरीर√जन् (उत्पन्न करना)+ड] जो शरीर से उत्पन्न हुआ हो या होता हो। पुं० १. पुत्र। बेटा। २. कामदेव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरता					 : | स्त्री० [सं० शरीर+तल्-टाप्] शरीर का भाव या धर्म। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरत्याग					 : | पुं० [सं० ष० त०] मृत्यु। मौत। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरत्व					 : | पुं० [सं० शरीर+त्व] शरीर का भाव या धर्म। शरीरता। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-पतन					 : | पुं० [सं० ष० त० या ब० स०] १. शरीर का धीरे-धीरे क्षीण होना। २. मृत्यु। मौत। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-पात					 : | पुं० [सं० ष० त०] देह का अंत या नाश। शरीरांत। देहावसान। मृत्यु। मौत। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-भृत					 : | पुं० [सं० शरीर√भृ+क्विप्+तुक्] १. वह जो शरीर धारण किए हो। शारीरी। २. विष्णु। ३. जीवात्मा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-यापन					 : | स्त्री० [ब० स०] जीवन का निर्वाह या यापन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-रक्षक					 : | पुं० [ष० त० स०] अंगरक्षक (दे०)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-वृत्ति					 : | स्त्री० [सं० मध्यम० स०] जीवन निर्वाह करने की वृत्ति। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-शास्त्र					 : | पुं० [सं०] शारीर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-शोधन					 : | पुं० [सं० ब० स० ष० त०] वह औषधि जो कुपित मल, पित्त और कफ ऊर्ध्व अथवा अधोमार्ग से शरीर के बाहर निकाल दे। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-संस्कार					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. शरीर को शुद्ध तथा स्वच्छ करने की क्रिया। २. गर्भाधान से लेकर अन्त्येष्टि तक के मनुष्य के वेद-विहित सोलह संस्कार। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-सेवा					 : | स्त्री० [सं० ष० त०] ऐसे सब काम जिनसे शरीर अच्छी तरह और सुख से रहे। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीर-सेवी					 : | पुं० [सं० शरीर-सेवा+इनि] वह जो केवल अपने शारीरिक सुखों का ध्यान रखता हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरस्थ					 : | वि० [सं० शरीर√स्था (ठहरना)+क] १. शरीर में रहनेवाला या स्थित। २. जीवित। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरांत					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] मृत्यु। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरार्पण					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] सेवा-भाव से किसी कार्य में जी-जान से जुटना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरावरण					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] १. शरीर को ढकनेवाली कोई चीज। २. खाल। चमड़ा। ३. ढाल। वर्म। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरस्थि					 : | पुं० [सं० ष० त० स० शरीर+अस्थि] कंकाल। पिंजर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| शरीरी					 : | वि० [सं० शरीर+इनि, दीर्घ, न लोप] शरीरधारी। पुं० १. प्राणी। २. आत्मा। जीव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |