| शब्द का अर्थ | 
					
				| शरीर					 : | पुं० [सं० शृ (हिंसा करना)+ईरन्] [भाव० शरीरता, वि० शारीरिक] १. मनुष्य या पशु आदि के समस्त अंगो की समष्टि। सिर से पैर तक के सब अंगों का समूह। देह। तन। वदन। जिस्म। वि० [अ०] दुष्ट-प्रकृति। | 
			
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				| शरीरक					 : | पुं० [सं० शरीर+कै+क+कन्] १. छोटा शरीर। २. आत्मा। | 
			
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				| शरीरज					 : | वि० [सं० शरीर√जन् (उत्पन्न करना)+ड] जो शरीर से उत्पन्न हुआ हो या होता हो। पुं० १. पुत्र। बेटा। २. कामदेव। | 
			
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				| शरीरता					 : | स्त्री० [सं० शरीर+तल्-टाप्] शरीर का भाव या धर्म। | 
			
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				| शरीरत्याग					 : | पुं० [सं० ष० त०] मृत्यु। मौत। | 
			
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				| शरीरत्व					 : | पुं० [सं० शरीर+त्व] शरीर का भाव या धर्म। शरीरता। | 
			
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				| शरीर-पतन					 : | पुं० [सं० ष० त० या ब० स०] १. शरीर का धीरे-धीरे क्षीण होना। २. मृत्यु। मौत। | 
			
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				| शरीर-पात					 : | पुं० [सं० ष० त०] देह का अंत या नाश। शरीरांत। देहावसान। मृत्यु। मौत। | 
			
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				| शरीर-भृत					 : | पुं० [सं० शरीर√भृ+क्विप्+तुक्] १. वह जो शरीर धारण किए हो। शारीरी। २. विष्णु। ३. जीवात्मा। | 
			
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				| शरीर-यापन					 : | स्त्री० [ब० स०] जीवन का निर्वाह या यापन। | 
			
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				| शरीर-रक्षक					 : | पुं० [ष० त० स०] अंगरक्षक (दे०)। | 
			
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				| शरीर-वृत्ति					 : | स्त्री० [सं० मध्यम० स०] जीवन निर्वाह करने की वृत्ति। | 
			
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				| शरीर-शास्त्र					 : | पुं० [सं०] शारीर। | 
			
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				| शरीर-शोधन					 : | पुं० [सं० ब० स० ष० त०] वह औषधि जो कुपित मल, पित्त और कफ ऊर्ध्व अथवा अधोमार्ग से शरीर के बाहर निकाल दे। | 
			
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				| शरीर-संस्कार					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. शरीर को शुद्ध तथा स्वच्छ करने की क्रिया। २. गर्भाधान से लेकर अन्त्येष्टि तक के मनुष्य के वेद-विहित सोलह संस्कार। | 
			
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				| शरीर-सेवा					 : | स्त्री० [सं० ष० त०] ऐसे सब काम जिनसे शरीर अच्छी तरह और सुख से रहे। | 
			
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				| शरीर-सेवी					 : | पुं० [सं० शरीर-सेवा+इनि] वह जो केवल अपने शारीरिक सुखों का ध्यान रखता हो। | 
			
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				| शरीरस्थ					 : | वि० [सं० शरीर√स्था (ठहरना)+क] १. शरीर में रहनेवाला या स्थित। २. जीवित। | 
			
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				| शरीरांत					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] मृत्यु। | 
			
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				| शरीरार्पण					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] सेवा-भाव से किसी कार्य में जी-जान से जुटना। | 
			
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				| शरीरावरण					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] १. शरीर को ढकनेवाली कोई चीज। २. खाल। चमड़ा। ३. ढाल। वर्म। | 
			
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				| शरीरस्थि					 : | पुं० [सं० ष० त० स० शरीर+अस्थि] कंकाल। पिंजर। | 
			
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				| शरीरी					 : | वि० [सं० शरीर+इनि, दीर्घ, न लोप] शरीरधारी। पुं० १. प्राणी। २. आत्मा। जीव। | 
			
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