| शब्द का अर्थ | 
					
				| शाकल					 : | वि० [सं० शकल+अण्] १. शकल अर्थात् अंश या खंड से संबंध रखनेवाला। २. शकल नामक रंग से बना या रँगा हुआ। पुं० १. अंश। खण्ड। टुकड़ा। २. ऋग्वेद की एक शाखा या संहिता। ३. लकड़ी का बना हुआ जंतर या तावीज। ४. एक प्रकार का साँप। ५. प्राचीन भारत में मद्र जनपद की राजधानी। (आजकल का स्थालकोट नगर)। | 
			
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				| शाकलिक					 : | वि० [सं०√शाकल+ठक्-इक] शकल या शाकल संबंधी। | 
			
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				| शाकली					 : | पुं० [सं० शाकल-ङीप्] एक प्रकार की मछली। | 
			
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				| शाकल्य					 : | पुं० [सं० शकल+यञ्] एक प्राचीन ऋषि जो ऋग्वेद की शाखा के प्रचारक थे और जिन्होंने पहले-पहल उसका पद पाठ किया था। | 
			
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