| शब्द का अर्थ | 
					
				| शात					 : | भू० कृ० [सं०√शो (पतला करना)+क्त] १. सान पर चढ़ाकर तेज किया हुआ। २. पतला। बारीक। ३. दुर्बल। कमजोर। पुं० १. धतूरा। २. सुख। ३. आनन्द। | 
			
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				| शात-कुंभ					 : | पुं० [सं० शतकुभ+अण्] १. कचनार का वृक्ष। २. धतूरा। ३. कनेर। ४. सोना। स्वर्ण। | 
			
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				| शातन					 : | पुं० [सं०√शो (पतला करना)+णिच्, तङ-ल्युट-अन] [वि० शातनीय, भू० कृ० शातित] १. सान पर चढ़ाकर धार तेज करना। चोखा करना। २. पेड़ आदि को काटना या कटवाना। ३. नष्ट करना। ४. छीलना। तराशना। ५. लकड़ी रँदना। | 
			
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				| शात-पत्रक					 : | पुं० [सं० शतपत्र=अण्-कन्] चंद्रिका। चाँदनी। ज्योत्स्ना। | 
			
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				| शातला					 : | स्त्री०=सातला। | 
			
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				| शातिर					 : | पुं० [अ०] १. शतरंज का अच्छा खिलाड़ी। २. बहुत बड़ा चालाक और चालबाज। परम धूर्त। ३. दूत। | 
			
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				| शातोदर					 : | वि० [सं० ब० स०] [स्त्री० शातोदरी] १. पतली कमरवाला। क्षीण-कटि। २. दुबला-पतला। | 
			
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				| शात्रव					 : | पुं० [सं० शत्रु+अण्] १. शत्रुत्व। शत्रुता। २. शत्रु। दुश्मन। ३. शत्रुओं का समूह। वि० १. शत्रु-संबंधी। २. दुश्मन का। ३. शत्रुतापूर्ण। | 
			
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