| शब्द का अर्थ | 
					
				| शारि					 : | पुं० [सं०√शृ (हिंसा करना)+इञ्] १. पासा, शतरंज आदि खेलने की गोटी। मोहरा। चौसर, शतरंज आदि की विसात। कपट। छल। ४. मैना पक्षी। ५. एक प्रकार के गीत। | 
			
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				| शारिका					 : | स्त्री० [सं० शारि+कन्-टाप्] १. मैना चिड़िया। २. चौसर शतरंज आदि के खेल। ३. सारंगी बजाने की कमानी। वीणा, सारंगी आदि कोई बाजा। ५. दुर्गा। | 
			
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				| शारिका कवच					 : | पुं० [सं० ष० त०] दुर्गा का एक कवच जो रुद्रयामल तन्त्र में है। | 
			
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				| शारित					 : | वि० [सं० शारि+इतच्] चित्र-विचित्र। रंग-बिरंगा। | 
			
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				| शारिपट्ट					 : | पुं० [सं० ष० त० स०] शतरंज, चौसर आदि खेलने की बिसात। | 
			
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				| शारिफल					 : | पुं० [सं० ष० त० स०]=शारिपट्ट। | 
			
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				| शारिवा					 : | स्त्री० [सं० शारि√वन् (पृथक् करना)+ड-टाप्]अनंतमूल। सालसा। दुरालभा। २. जवासा। धमासा। | 
			
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