| शब्द का अर्थ | 
					
				| शाश्वत					 : | वि० [सं० शश्वत+अण्] जो सदा से चला आ रहा हो और सदा चला-चलने को हो। नित्य (एटर्नल)। पुं० १. स्वर्ग। २. अंतरिक्ष। ३. शिव। ४. वेदव्यास। | 
			
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				| शाश्वतवाद					 : | पुं० [सं० ष० त] वह दार्शनिक सिद्धांत कि आत्मा एक रूप, चिरन्तन और नित्य है, उनका न तो कभी नाश होता है और न कभी उसमें कोई विकार होता है। ‘उच्छेदवाद’ का विपर्याय। | 
			
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				| शाश्वतिक					 : | वि० [सं० शाश्वत+ठक्—इक]=शाश्वत। | 
			
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				| शाश्वती					 : | स्त्री० [सं० शाश्वत-ङीष्] पृथ्वी। | 
			
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