| शब्द का अर्थ | 
					
				| शुमार					 : | पुं० [फा०] [भाव० शुमारी] १. संख्या। २. लेखा० हिसाब। मुहावरा— (किसी बात का) शुमार बाँधना=अनुमान या कल्पनासे यह समझना कि आगे चलकर अमुक बात या उसका अमुक रूप होगा। | 
			
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				| शुमार-कुनिंदा					 : | पुं० [फा० शुमार-कुनिंदः] वह जिसका काम किसी प्रकार की गिनती करना हो। | 
			
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				| शुमारी					 : | स्त्री० [फा०] शुमार करने या गिनने की क्रिया या भाव। जैसे—मर्दुमशुमारी। | 
			
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