| शब्द का अर्थ | 
					
				| शुल्क					 : | पुं० [सं√शुल्क+घञ्] १. वह धन जो वस्तुओं की उत्पत्ति, उपभोग, आयात, निर्यात आदि करने पर कानूनन कर के रूप में देय हो। २. वह धन जो किसी संस्था को विशिष्ट सुविधा प्रदान करने पर दिया जाता है। जैसे—प्रवेश शुल्क, चिकित्सा शुल्क, शिक्षा शुल्क। ३. प्राचीन भारत में वह धन जो कन्या का विवाह करने के बदले में उसका पिता वर के पिता से लेता था। ४. कन्या के विवाह में दिया जानेवाला दहेज। ५. बाजी। शर्त। ६. किराया। भाड़ा। ७. दाम। मूल्य। | 
			
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				| शुल्क-शाला					 : | स्त्री० [सं० ष० त० स०] १. वह स्थान जहाँ पर घाट, मार्ग आदि का अथवा और किसी प्रकार का शुल्क या महसूल चुकाया जाता हो। २. चुंगीघर। | 
			
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				| शुल्काध्यक्ष					 : | पुं० [सं० ष० त०] लोगों से शुल्क लेनेवाले विभाग का प्रधान अधिकारी। (कौ०)। | 
			
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				| शुल्कार्ह					 : | वि० [सं०] १. (पदार्थ) जिसका शुल्क देय हो। २. शुल्क लगाये जाने के योग्य (ड्यूटिएबुल)। | 
			
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