शब्द का अर्थ
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श्मशान :
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पुं० [सं० ब० स० ष० त० स०] १. मुरदे या शव जलाने का स्थान। मसान। मरघट। २. कब्रिस्तान। ३. लाक्षणिक अर्थ में, ऐसा स्थान जो बिलकुल उजड़ा हुआ हो। |
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श्मशान-कालिका :
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स्त्री० [सं० ष० त० स०] तांत्रिकों के अनुसार काली का एक रूप जिसका पूजन मांस-मछली खाकर, मद्य पीकर और नंगे होकर श्मशान में किया जाता है। |
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श्मशानपति :
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पुं० [सं० ष० त० स०] १. श्मशान के स्वामी, शिव। २. एक प्रकार के पुराने ऐन्द्रजालिक। |
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श्मशानवासिनी :
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स्त्री० [सं० श्मशान√वस् (रहना)+णिनि-ङीष्] काली। |
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श्मशानवासी (सिन्) :
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पुं० [सं० श्मशान्-वासिन्-दीर्घ, नलोप] १. महादेव। शिव। २. चांडाल। ३. भूत-प्रेत। वि० श्मशान में रहनेवाले। |
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श्मशान-बैताल :
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पुं० [सं० मध्य० स०] एक भूत-योनि जिसके संबंध में प्रसिद्ध है कि वह श्मशानों में रहती है और मुरदों का मांस खाती है। |
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श्मशान-वैराग्य :
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पुं० [सं० सप्त० त०] वह क्षणिक वैराग्य जो श्मशान में मृत शरीरों को जलाते हुए देखकर संसार की असारता के सम्बन्ध में मन में उत्पन्न होता है। |
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श्मशान-साधन :
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पुं० [सं० सप्त० त०] तांत्रिकों की एक प्रकार की साधना जो कुछ विशिष्ट महीनों में रात के समय श्मशान में किसी मृत शरीर की छाती पर बैठकर की जाती है। |
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