| शब्द का अर्थ | 
					
				| श्रोत्र					 : | पुं० [सं० श्रोत्र+अण्] १. कर्ण। कान। २. वेदों का ज्ञान। ३. वेद। | 
			
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				| श्रोत्र-ग्राह्म					 : | वि० [सं० तृ० त०] जिसका ग्रहण या ज्ञान श्रोत या कानों के द्वारा हो सकता हो। जो सुनाई पड़ता हो या पड़ सकता हो (ऑडिटरी)। | 
			
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				| श्रोत्रिय					 : | पुं० [सं० छन्दस्+घ-इय, श्रोत्रादेश] प्राचीन भारत में वह विद्वान जो छन्द आदि कंठस्थ करके उनका अध्ययन और अध्यापन करता था। | 
			
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