| शब्द का अर्थ | 
					
				| संवर्तन					 : | पुं० [सं०√वृत् (रहना)+ल्युट्-अन] [वि० संवर्तनीय, संवृत, भू० कृ० संवर्तित] १. लपेटना। २. चक्कर या फेरा देना। ३. किसी ओर प्रवत्त होना या मुड़ना। ४. पहुँचना। ५. खेत जोतने का हल। ६. भारतीय युद्ध कला में, एक शत्रु का प्रसार रोकना। | 
			
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				| संवर्तनी					 : | स्त्री० [संवर्तन-ङीष्] सृष्टि का लय। प्रलय। | 
			
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				| संवर्तनीय					 : | वि० [सं०√वृत् (रहना)+अनीयर्] जिसका संवर्तन हो सकता हो या होने को हो। | 
			
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