शब्द का अर्थ
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					अढ़ार					 :
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					वि० [सं० अ√हिं० ढरना=ढलना] १. जो किसी पर ढले या ढरे नहीं। अनुरक्त, आकृष्ट या प्रवृत्त न होने वाला। २. निर्दय। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					अढ़ार टंकी					 :
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					पुं० [?] धनुष। (डिं०) (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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