| शब्द का अर्थ | 
					
				| अनंतरज					 : | पुं० [सं० अनंतर√जन् (उत्पन्न होना) +ड] १. वह व्यक्ति जिसके पिता का वर्ण माता के वर्ण से एक दर्जा ऊँचा हो। जैसे—माता शूद्रा और पिता वैश्य। २. ऐसे भाई-बहन जिनका जन्म ठीक एक दूसरे के आगे-पीछे हुआ हो। | 
			
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				| अनंतर					 : | जात-वि० [पं०त०]=अनंतरज। | 
			
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				| अनंतरीय					 : | वि० [सं० अनंतर+छ-ईय] १. बाद का। २. जन्म०विकास आदि के क्रम में ठीक बाद का। | 
			
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				| अनंतर्हित					 : | वि० [सं० न-अंतर्हित, न० त०] १. मिला, लगा या सटा हुआ। २. क्रमबद्ध। श्रंखलाबद्ध ३. अखंडित। | 
			
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