शब्द का अर्थ
|
आख्यान :
|
पुं० [सं० आ√ख्या+ल्युट्-अन] १. कहने या सूचित करने की क्रिया या भाव। २. वह जो कुछ कहा जाए। वर्णन। वृत्तांत। ३. नाटक में किसी पात्र का पिछली या पुरानी घटनाओं से लोगों को अवगत कराना। ४. पिछली या पुरानी घटना का किया हुआ वर्णन या विखा हुआ विवरण। कथा। ५. उपन्यास का एक प्रकार जिसमें उपन्यासकार पात्रों से कुछ न कहलवाकर स्वयं सब बातें कहता चलता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
आख्यानक :
|
पुं० [सं० आख्यान+कन्] छोटा आख्यान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
आख्यानकी :
|
स्त्री० [सं० आख्यानक+नीष्] दंडक वृत्त का एक भेद जिसके विषम चरणों में त, त० ज० तथा दो गुरु और सम चरणों में ज,त०ज तथा दो गुरु होते हैं। यह इंद्रवज्रा और उपेद्रज्रा के योग से बनती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
आख्यान-पट :
|
पुं० [सं० ष० त०] चित्र कला में वह पट या लंबा खर्रा जिसपर किसी कथा आदि की भिन्न भिन्न घटनाएँ क्रम से अंकित होती है। (पेन्टेड स्कोल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |