| शब्द का अर्थ | 
					
				| आतप					 : | पुं० [सं० आ√तप् (तपना या तपाना)+घ] [वि० आतपी, भू० कृ० आतप्त, भाव० आतपता] १. सूर्य का प्रकाश। धूप। घाम। २. गरमी। ताप। ३. ज्वर। बुखार। वि० दुःख या पीड़ा देनेवाला। | 
			
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				| आतपत्र					 : | पुं० [सं० आतप√त्रै (रक्षा करना)+क] १. राजा का छत्र। २. धूप से बचने के लिए पत्तों या रेशम का बनाया हुआ छोटा छाता। (पैशसोल)। | 
			
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				| आतपन					 : | पुं० [सं० आ√तप्+ल्युट्-अन] १. तपाना। २. कष्ट देना। ३. [आ√तप्+ल्यु-अन] शिव का एक नाम। | 
			
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				| आतप-स्नान					 : | पुं० [सं० तृ० त०] स्वास्थ्य ठीक रखने के विचार से धूप में इस प्रकार बैठना या लेटना कि सारे शरीर पर उसका प्रभाव पड़े। (सन-बाथ)। | 
			
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				| आतपीय					 : | वि० [सं० आतप+छ-ईय] आतप-संबंधी। आतप का। | 
			
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				| आतपोदक					 : | पुं० [सं० आतप-उदक, मध्य० स०] मृग-तृष्णा। | 
			
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