| शब्द का अर्थ | 
					
				| आयोग					 : | पुं० [सं० आ+√युज् (जोड़ना)+घञ्] १. कोई काम पूरा करने के लिए होनेवाली किसी की नियुक्ति। २. आज-कल राज्य के सर्वप्रधान अधिकारी के द्वारा किसी व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों की होनेवाली नियुक्ति जो कोई विशिष्ट कार्य संपन्न करने अथवा किसी विचारणीय विषय की छान-बीन या जाँच पड़ताल करने के लिए होती है। (कमीशन) ३. साहित्य में विप्रलंभ के दो भेदों में से एक (दूसरा भेद विप्रयोग कहलाता है) जो अविवाहित अवस्था में होनेवाले प्रेम-जन्य विरह का सूचक है। ४. गाड़ी, हल आदि का जुआ। ५. अलंकरण। सजावट। | 
			
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				| आयोगव					 : | पुं० [सं० आयोगव+अण्] १. पुराणानुसार एक प्राचीन संकर जाति। २. बढ़ई। | 
			
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