शब्द का अर्थ
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आरक्ष :
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पुं० [सं० आ√रक्ष् (बचाना)+घञ्] १. सँभालकर रखना। २. रक्षा करना। ३. गजकुंभ संधि। वि० [आ√रक्ष्+अच्] संभालकर या रक्षित रखे जाने के योग्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
आरक्षक :
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वि० [सं० आ√रक्ष्+ण्वुल्-अक] १. रक्षा करनेवाला। बचानेवाला। २. अच्छी तरह से सँभालकर रखनेवाला। ३. दे० आरक्षिक। पुं० १. पहरेदार। प्रहरी। २. आरक्षिक बल का कोई कर्मचारी या सदस्य। आरक्षी। |
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समानार्थी शब्द-
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आरक्षा :
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स्त्री० [सं० आ√रक्ष्+अङ्-टाप्] अच्छी तरह की जानेवाली रक्षा। |
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समानार्थी शब्द-
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आरक्षिक :
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वि० [सं० आरक्षा+ठक्-इक] आरक्षक या आरक्षा से संबध रखने या उसके क्षेत्र में होनेवाला। जैसे—आरक्षिक बल, आरक्षिक कार्य आदि। पुं० -आरक्षक। |
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समानार्थी शब्द-
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आरक्षिक कार्य :
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पुं० [ष० त०] राजकीय व्यवस्था, शासन आदि के क्षेत्र में ऐसी कार्यवाही या कार्य जो अराजकता, अव्यवस्था, उपद्रव आदि शांति कराने के उद्देश्य से (सैनिक बल की सहायता से) किये जाएँ। (पुलिस एक्शन) जैसे—हैदराबाद राज्य में भारत सरकार को आरक्षित कार्य करना पड़ा था। |
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आरक्षिक-कारवाई :
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स्त्री० =आरक्षिक कार्य। |
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आरक्षिक-बल :
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पुं० [सं० ष० त०] राज्य शासन की वह शक्ति जो स्वतंत्र विभाग के रूप में रहकर देश तथा समाज में नियम-पालन शांति, स्थापन आदि की व्यवस्था करती और अपराधियों, अभियुक्तों आदि को विचारार्थ न्यायालय के सामने उपस्थित करती है। (पुलिस फोर्स) |
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आरक्षी (क्षिन्) :
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पुं० [सं० आरक्ष+इनि]—आरक्षिक। |
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