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			| शब्द का अर्थ |  
				| आरी					 : | स्त्री० [हिं० आरा का स्त्री०अल्पा०] १. लकड़ी, लोहा आदि चीरने का एक प्रसिद्ध दाँतदार औजार। २. लोहे की वह कील जो बैल हाँकने के पैने की नोक में लगी रहती है। ३. चमड़ा सीने का सूजा। सुतारी। स्त्री० [देश] १. बबूल की जाती का एक पेड़। स्थूल-कंटक। २. दुर्गंध खैर। बबुरी। स्त्री० [सं० आर=किनारा] १. ओर। तरफ। २. किनारा। सिरा। ३. खेत की मेड़। उदाहरण— थोर जोताई बहुत हेगाई,ऊँचे बाँधै आरी।—घाघ। वि० [अ०] १. दीन। २. लाचार। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
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