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			| शब्द का अर्थ |  
				| आर्षेय					 : | वि० [सं० ऋषि+ढक्-एय] १. ऋषियों से संबंध रखने या उनमें होनेवाला। २. पूज्य। मान्य। ३. उत्तम। श्रेष्ठ। पुं० १. ऋषियों का गोत्र। २. मंत्र-दृष्टा ऋषि। ३. यजन-याजन और अध्ययन-अध्यापन आदि जो ऋषियों के कार्य है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |